लेखनी कविता -जो बात मेरे कान में ख़्वाबों ने कही है - बालस्वरूप राही

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जो बात मेरे कान में ख़्वाबों ने कही है / बालस्वरूप राही ‎ जो बात मेरे कान में ख़्वाबो ने कही है वो बात हमेशा ही ग़लत हो के रही है ...

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